महाराष्ट्र के राजस्थान देश में दूसरा प्रदेश होगा , जहां किसान ऐसा कर सकेंगे ।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बताया कि महाराष्ट्र में भी किसान बिना किसी पटवारी के गिरदावरी की रिपोर्ट खुद ही तैयार कर मोबाइल एप के जरिये भेजता है । इस तरह की कार्यप्रणाली राजस्थान में भी लाई जा रही है । उन्होंने बताया कि जिओ टैगिंग से प्रभावित किसान की गिरदावरी रिपोर्ट की मॉनिटरिंग की जायेगी । राजस्व मंत्री ने बताया कि रास्ते में आने वाले किसानों की जमीनों के लिए उपयुक्त मुआवजे के अलावा जमीन के बदले जमीन देने का भी फैसला लिया गया है । लेकिन कोई किसान अपनी जमीन का मुआवजा नहीं लेना चाहता है, तो उसे जमीन दी भी जायेगी । राजस्व मंत्री ने बताया कि तहसील कार्यालयों को ऑनलाइन करने का कार्य जोरों पर चल रहा है । प्रदेश में 8 कंपनियां इस कार्य में लगी हुई है । अब तक 369 में से 360 तहसीलें ऑनलाइन भी हो चुकी है, बाकी बची 9 तहसीलें अभी ऑनलाइन होनी बाकी है ।
ऑनलाइन होने से जमाबंदी , नामांतरण आदि कार्य आसानी से हो सकेंगे। जाट ने यह भी बताया कि अभी भी प्रदेश में रेवेन्यू बोर्ड में 65 हजार मामले लंबित है , वहीं विभिन्न समीक्षा बैठकों से यह जानकारी में सामने आया है कि जिलों की एडीएम कोर्ट में सवा चार लाख से ज्यादा मामले लंबित है । इसलिए राज्य सरकार नियमों में सरलीकरण कर रही है , जिससे राजस्व के मामले लंबित नहीं हो और जल्द से जल्द निपटारा किया जा सके । इसके लिए लोक अदालत भी लगाई जा रही है । उन्होने बताया कि पंचायती राज एप से राजस्व डिपार्टमेंट के एप का लिंक भी जुड़ेगा , जिससे किसी किसान की मौत होने के बाद राजस्व विभाग को सूचना मिल सकेगी और नामांतरण खोलने में आसानी भी रहेगी ।
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GOVIND RAM