सिंधिया के गढ़ में 57 साल बाद कांग्रेस का महापौर , निकाय चुनाव में शिवराज को कमलनाथ ने दी कड़ी टक्कर

 G NEWS 24:–सिंधिया के गढ़ में 57 साल बाद कांग्रेस का महापौर , निकाय चुनाव में शिवराज को कमलनाथ ने दी कड़ी टक्कर सिंगरौली । मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली । सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस का परफॉर्मेंस पिछली बार से सुधरा हुआ नजर आया । सबसे बड़ा उलटफेर ग्वालियर में देखने को मिला । ग्वालियर नगर निगम भाजपा का गढ़ माना जाता था , लेकिन इस बार यहां पार्टी का जादू नहीं चला । ग्वालियर में सिंधिया परिवार के पूरी तरह भाजपाई होने के बावजूद कांग्रेस ने 57 साल बाद अपना महापौर जितवा लिया । दरअसल , केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे , तब भी यहां भाजपा का वर्चस्व कायम था । इस बार जब सिंधिया भाजपा के साथ हैं , तो यहां कांग्रेस ने सेंध लगा दी है । रविवार को आए परिणाम के मुताबिक , पहले चरण के 11 में से 7 नगर निगमों में भाजपा का महापौर होगा , जबकि कांग्रेस को जबलपुर , ग्वालियर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में जबरदस्त सफलता हासिल हुई है । यहीं नहीं प्रदेश के निकाय चुनाव में पहली बार किसी तीसरी पार्टी की एंट्री हुई है । आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली नगर निगम पर कब्जा कर लिया है । इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक पार्षद ने भी चुनाव जीत कर पार्टी को यह उपलब्धि हासिल करवाई है । हालांकि , दूसरे चरण में 20 • जुलाई को 5 नगर निगमों के रिजल्ट आना अभी बाकी है । और ग्वालियर में कांग्रेस से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है । कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने 18 साल बाद वापसी कर ली है । इस सीट के लिए कमलनाथ के बेटे व सांसद नकुलनाथ पूरे समय सक्रिय रहे । भाजपा को सबसे बड़ा झटका महाकौशल इलाके में लगा है । जबलपुर नगर निगम को इस बार बीजेपी ने गंवा दिया है । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जबलपुर में ससुराल भी है । निकाय चुनाव से चंद दिन पहले ही उन्होंने जबलपुर में रोड शो किया था । इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार की हार हुई है । इसके अलावा सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है । आप मेयर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने यहां से जीत हासिल की है । आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद प्रचार करने सिंगरौली पहुंचे थे । बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में भाजपा को करारी हार मिली है । 50 साल बाद यहां कांग्रेस के सिर पर महापौर का ताज सजने जा रहा है । निकाय चुनाव के परिणाम पर नजर डाले तो इसमें भाजपा को ज्यादा नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ है । भाजपा भोपाल - इंदौर जैसे अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही । पिछली बार भाजपा ने 16 नगर निगमों पर कब्जा जमाया था । इस बार कई अहम निगम उसके हाथ से निकल गए । उज्जैन और बुरहानपुर में बीजेपी को जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ी । ग्वालियर में कांग्रेस की जीत का असर पूरे अंचल पर दिखाई देगा । इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां कड़ी मेहनत करना पड़ेगी । प्रदेश में एक मात्र सीट ग्वालियर भाजपा ने प्रदेश की राजधानी भोपाल , इंदौर , उज्जैन , सतना , बुरहानपुर , खंडवा और सागर में परचम लहराया है , जबकि पार्टी को छिंदवाड़ा , जबलपुरऔर ग्वालियर में कांग्रेस से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है । कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने 18 साल बाद वापसी कर ली है । इस सीट के लिए कमलनाथ के बेटे व सांसद नकुलनाथ पूरे समय सक्रिय रहे । भाजपा को सबसे बड़ा झटका महाकौशल इलाके में लगा है । जबलपुर नगर निगम को इस बार बीजेपी ने गंवा दिया है । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जबलपुर में ससुराल भी है । निकाय चुनाव से चंद दिन पहले ही उन्होंने जबलपुर में रोड शो किया था । इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार की हार हुई है । इसके अलावा सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है । आप मेयर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने यहां से जीत हासिल की है । आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद प्रचार करने सिंगरौली पहुंचे थे । बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में भाजपा को करारी हार मिली है । 50 साल बाद यहां कांग्रेस के सिर पर महापौर का ताज सजने जा रहा है । निकाय चुनाव के परिणाम पर नजर डाले तो इसमें भाजपा को ज्यादा नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ है । भाजपा भोपाल - इंदौर जैसे अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही । पिछली बार भाजपा ने 16 नगर निगमों पर कब्जा जमाया था । इस बार कई अहम निगम उसके हाथ से निकल गए । उज्जैन और बुरहानपुर में बीजेपी को जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ी । ग्वालियर में कांग्रेस की जीत का असर पूरे अंचल पर दिखाई देगा । इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां कड़ी मेहनत करना पड़ेगी । प्रदेश में एक मात्र सीट ग्वालियरऔर ग्वालियर में कांग्रेस से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है । कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने 18 साल बाद वापसी कर ली है । इस सीट के लिए कमलनाथ के बेटे व सांसद नकुलनाथ पूरे समय सक्रिय रहे । भाजपा को सबसे बड़ा झटका महाकौशल इलाके में लगा है । जबलपुर नगर निगम को इस बार बीजेपी ने गंवा दिया है । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जबलपुर में ससुराल भी है । निकाय चुनाव से चंद दिन पहले ही उन्होंने जबलपुर में रोड शो किया था । इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार की हार हुई है । इसके अलावा सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है । आप मेयर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने यहां से जीत हासिल की है । आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद प्रचार करने सिंगरौली पहुंचे थे । बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में भाजपा को करारी हार मिली है । 50 साल बाद यहां कांग्रेस के सिर पर महापौर का ताज सजने जा रहा है । निकाय चुनाव के परिणाम पर नजर डाले तो इसमें भाजपा को ज्यादा नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ है । भाजपा भोपाल - इंदौर जैसे अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही । पिछली बार भाजपा ने 16 नगर निगमों पर कब्जा जमाया था । इस बार कई अहम निगम उसके हाथ से निकल गए । उज्जैन और बुरहानपुर में बीजेपी को जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ी । ग्वालियर में कांग्रेस की जीत का असर पूरे अंचल पर दिखाई देगा । इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां कड़ी मेहनत करना पड़ेगी । प्रदेश में एक मात्र सीट ग्वालियरऔर ग्वालियर में कांग्रेस से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है । कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने 18 साल बाद वापसी कर ली है । इस सीट के लिए कमलनाथ के बेटे व सांसद नकुलनाथ पूरे समय सक्रिय रहे । भाजपा को सबसे बड़ा झटका महाकौशल इलाके में लगा है । जबलपुर नगर निगम को इस बार बीजेपी ने गंवा दिया है । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जबलपुर में ससुराल भी है । निकाय चुनाव से चंद दिन पहले ही उन्होंने जबलपुर में रोड शो किया था । इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार की हार हुई है । इसके अलावा सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है । आप मेयर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने यहां से जीत हासिल की है । आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद प्रचार करने सिंगरौली पहुंचे थे । बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में भाजपा को करारी हार मिली है । 50 साल बाद यहां कांग्रेस के सिर पर महापौर का ताज सजने जा रहा है । निकाय चुनाव के परिणाम पर नजर डाले तो इसमें भाजपा को ज्यादा नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ है । भाजपा भोपाल - 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इंदौर जैसे अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही । पिछली बार भाजपा ने 16 नगर निगमों पर कब्जा जमाया था । इस बार कई अहम निगम उसके हाथ से निकल गए । उज्जैन और बुरहानपुर में बीजेपी को जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ी । ग्वालियर में कांग्रेस की जीत का असर पूरे अंचल पर दिखाई देगा । इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां कड़ी मेहनत करना पड़ेगी । प्रदेश में एक मात्र सीट ग्वालियरऔर ग्वालियर में कांग्रेस से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है । कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने 18 साल बाद वापसी कर ली है । इस सीट के लिए कमलनाथ के बेटे व सांसद नकुलनाथ पूरे समय सक्रिय रहे । भाजपा को सबसे बड़ा झटका महाकौशल इलाके में लगा है । जबलपुर नगर निगम को इस बार बीजेपी ने गंवा दिया है । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जबलपुर में ससुराल भी है । निकाय चुनाव से चंद दिन पहले ही उन्होंने जबलपुर में रोड शो किया था । इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार की हार हुई है । इसके अलावा सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है । आप मेयर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने यहां से जीत हासिल की है । आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद प्रचार करने सिंगरौली पहुंचे थे । बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में भाजपा को करारी हार मिली है । 50 साल बाद यहां कांग्रेस के सिर पर महापौर का ताज सजने जा रहा है । निकाय चुनाव के परिणाम पर नजर डाले तो इसमें भाजपा को ज्यादा नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ है । भाजपा भोपाल - 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