G NEWSE 24:–बिलकिस बानो मामले में दोषियों को रिहा करने का मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है. गुजरात दंगों में उनके साथ हुआ था गैंगरेप .
अदालत में दायर याचिका में जल्द सुनवाई करने की मांग की गई है. कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले की सुनवाई बुधवार को हो. इस पर CJI ने कहा है कि वो देखेंगे. इस मामले में 11 अपराधी 15 अगस्त को गोधरा उप जेल से बाहर हुए. गुजरात सरकार ने कैदियों को माफी नीति के तहत दोषियों को रिहा को मंजूरी दी. सभी दोषियों के द्वारा जेल में 15 साल की सजा पूरी कर ली थी.
बिलकिस के साथ हुआ था गैंगरेप–जब वो गर्भवती थी
21 जनवरी 2008 को मुंबई में सीबीआई की स्पेशल अदालत ने सभी 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सभी को बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के 7 सदस्यों की मौत का दोषी ठहराया गया था. फिर बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. 2002 में गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना के पश्चात् भड़की हिंसा के दौरान बिलकिस बानो उम्र 21 साल की थी और 5 महीने की गर्भवती थी. ऐसी हालत में उसके साथ गैंगरेप किया गया. मरने वालों में उसकी 3 वर्ष की बेटी भी शामिल थी.
समय से पहले रिहाई के लिए खटखटाया था SC का दरवाजा !
सिब्बल ने कहा कि हम केवल छूट को चुनौती दे रहे हैं, SC के आदेश को नहीं. उच्चतम न्यायालय का आदेश ठीक है. हम उन सिद्धांतों को चुनौती दे रहे हैं जिनके तहत छूट दी गई. शीर्ष अदालत ने इससे पहले गुजरात सरकार से छूट की याचिका पर विचार करने को कहा था. इन दोषियों को उच्चतम न्यायालय के निर्देश मे विचार करने के बाद रिहा किया . शीर्ष अदालत ने सरकार से साल 1992 की क्षमा नीति के आधार पर दोषियों को राहत देने की अर्जी पर विचार करने को कहा गया था. इन दोषियों ने 15 वर्ष से अधिक कारावास की सजा काट ली थी इसके बाद एक दोषी ने समयपूर्व रिहा करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, इसपर पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को मामले पर विचार करने का निर्देश दिया गया था!
इस मामले में दिल्ली में सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग [NHRC] में एक बैठक भी हुई.