पैरों से लिखा लेटर, घर पहुंचे न्यायाधीश, सुना दर्द लीला के चेहरे पर छाई खुशी

बाड़मेर । कहते है ना अगर हौसला बुंलद हो तो हर मंजिल को पाया जा सकता है ।



 लीला के हौसला सातवें आसमान में है । आज लीला के परिवार में खुशी का माहौल है । एक माह पहले लीला ने अपने पैरों से चीफ जस्टिस को लेटर लिखकर कोआपरेटिव बैंक से अपने पैसे वापस दिलाने की मांग की थी । कोर्ट संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पूरे मामले की कार्यवाही करने के निर्देश दिए और गुरुवार को जिला अपर न्यायधीश लीला के घर पर पहुंचकर पूरी जानकारी जुटाई है । लीला को राज्य सरकार द्वारा मिली सहायता राशि साढ़े चार लाख रुपए की वापस दिलाने की कार्रवाई विधिक सेवा प्राधिकरण बालोतरा द्वारा की जाएगी । दरअसल , बाड़मेर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर हापो की ढाणी निवासी लीला कंवर जब चौथी क्लास में पढ़ती थी , तब खेलते - खेलते खुले तारों को हाथ में पकड़ लिया । करंट लगने से बेहोश होकर गिर गई । परिवार के लोग अस्पताल ले गए , वहां से जोधपुर फिर अहमदाबाद में इलाज करवाया । डॉक्टर की सलाह पर दोनों हाथ कटवाने पड़े थे । सरकार की तरफ से लीला को साढ़े चार लाख रुपए की सहायता राशि दी गई थी । लीला बताती है कि मेरे पिता किसान थे । हादसे के बाद पिता मुझे जोधपुर , अहमदाबाद लेकर गए । वहां पर इलाज करवाया ।


समय घर में कमाने वाला भी कोई नहीं था । जैसे - तैसे करके पिता ने मेरा इलाज करवाया । बिजली विभाग से साढ़े चार लाख रुपए की मदद मिली । पापा ने इलाहबाद बैंक में जमा करवा दिए । साल 2017 में गांव के एजेंट ने लालच दिया कि प्राइवेट बैंक में पांच लाख रुपए से ज्यादा जमा करवाने पर 7 सालों में दोगुने हो जाएंगे । पिता ने साढ़े चार लाख व पचास हजार रुपए इधर - उधर से लाकर जमा करवा दिए । अब वह बैंक भी उठ गई और हमारे हक का पैसा भी लूट ले गई । लीला ने एक माह पहले चीफ जस्टिस को दोनों पैरों से लेटर लिखकर बैंक से रुपए दिलाने की मांग की थी ।



जिला विकास प्राधिकरण राशि दिलाने की करेगी कार्रवाई>

 अपर जिला विकास प्राधिकरण न्यायधीश विकाससिंह के मुताबिक बाड़मेर हापों की ढाणी निवासी लीला के पैरो से लिखा पत्र राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण को प्राप्त हुआ था । आज हम इनके घर हापों की ढाणी घर पर आए है । बच्ची को दिव्यांग होने पर सरकार की तरफ साढ़े चार लाख रुपए दिए गए थे । इनके परिवार द्वारा प्राइवेट बैंक में एफडी करवा दी गई थी । बैंक द्वारा रुपए वापस नहीं दिए गए है । आज इनसे जानकारी मिली है कि बैंक के खिलाफ ग्रामीण थाने में रिपोर्ट दी गई है । एएसपी नरपतसिह से बात करके दर्ज रिपोर्ट की कॉपी भेजने के निर्देश दिए गए है । इस पर योग्य रूप से कार्रवाई करते हुए बच्ची की जो सहायता राशि थी उसको वापस दिलवाने की कार्रवाई जिला विधिक प्राधिकरण बालोतरा द्वारा की जाएगी ।

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