क्या उपद्रवियों की प्रॉपर्टी पर 'योगी का बुलडोजर' चलना कानूनन सही है या गलत?


(G News)उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा, बुलडोजर की कार्रवाई रुकने का नाम नहीं रही है.

यूपी(सीएम ) योगी आदित्यनाथ


 नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए बयान के बाद भड़की हिंसा के मामले में  उपद्रवियों के खिलाफ बुलडोजर वाली कार्रवाई की जा रही है. इस बाबत कानून के जानकार अलग बता रहे हैं. ....

उ.प्र. सरकार द्वारा बुलडोजर राजनीति का आविष्कार किया गया है. जिसके चलते आरोपियों को दण्ड देने के लिए उनकी प्रॉपर्टी को तोड़ा, उन पर बुलडोजर चलाया जाता है. अवैध निर्माण पर भी बाबा जी का बुलडोजर की कार्रवाई  रही है. हाल ही में नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए बयान पर, हिंसक प्रदर्शन के बाद  राज्य में बुलडोजर को काम पर लगा दिया है


राजनीतिक नजरिए से इसे सख्त फैसला माना जा रहा है लेकिन कानूनन रूप से ये बुलडोजर कार्रवाई सही है या फिर गलत?


 g news ने जब कानून के जानकारों से इस मामले पर बात की तो उन्होनें समझाने का प्रयास किया कि आखिर कानून की नजर में बुलडोजर कार्रवाई कहां तक उचित होती है. इस पर जब कानून के जानकारो से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कानून के तहत एक पूरी प्रक्रिया का पालन करना बहुत जरूरी होता है. वे बताते हैं कि अगर किसी ने कोई अपराध किया है, तो इसका ये मतलब नहीं है कि उसकी प्रॉपर्टी को तोड़ कर बर्बाद कर दिया जाए. अगर प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद चल रहा है, तो भी कोर्ट से ऑडर लाना जरूरी होता है और शख्स को समय पर नोटिस भी देना जरूरी होता है. अगर बिना किसी नोटिस के अगर  कोई कार्रवाई की जाती है तो कानून की नजरो में उसको सही नहीं ठहराया जाएगा !!

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