(कोटा) : 25 अप्रैल के दिन को रामपुरा थाना क्षेत्र में डेढ़ वर्षीय मासूम बच्चे अबीर के हत्याकांड में कोटा पुलिस को हत्या की गुत्थी सुलझाने में सफलता मिली
कोटा पुलिस द्वारा हत्याकांड का पर्दाफाश किया गया, रिश्तों को तार तार करने की इस खूनी कहानी का खुलासा कर दिया. मामले का खुलासा करते हुए कोटा एडिशनल एसपी प्रवीण जैन ने बताया कि डेढ़ वर्षीय मासूम बच्चे अबीर अंसारी की हत्या उस की सगी चाची ने रची थी.
अबीर की सगी चाची सोबिया ने तीन नाबालिग बच्चों की सहायता से इस पूरी दर्दनाक घटना को अंजाम दिया था. वारदात के वजह का खुलासा करते हुए ASP प्रवीण जैन ने बताया कि अबीर का पिता इमरान नगर निगम में नौकरी करता है, इमरान को अपने पिता के देहांत के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी. लेकिन सोबिया चाहती थी कि उसके पति जीशान को यह नौकरी मिले तभी से सोबिया के मन में इमरान के प्रति रंजिश थी और वह मन ही मन उससे बदला लेने की फ़िराक थी. इसी बात को लेकर अक्सर परिवार में झगड़े हुआ करते थे. इस घटना के दिन 25 अप्रैल को जब अबीर की मां रसोई में काम कर रही थी उसी वक्त मौका देखकर सोबिया ने खेलते आमिर को वहां से उठाकर ले गई.
सोबिया ने तीन अन्य नाबालिक परिजनों की सहायता से अबीर को तीसरी मंजिल की छत पर ले गई, जिसके बाद एक नाबालिग ने डेढ़ वर्षीय मासूम अबीर को पानी की टंकी में फेंक दिया और ढक्कन लगा कर निकल गया, जिससे अबीर ने डूबने की वजह से दम तोड़ दिया जिसके बाद कुछ समय तक परिजन अबीर को रहे जब वो नहीं मिला तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू की इसके बाद परिवार जन आमिर को ढूंढते हुए मकान की तीसरी मंजिल पर गए जहां पर पानी की टंकी में उसे तलाश किया गया.
पानी की टंकी में अबीर की लाश मिली उसे लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे, वहा डॉक्टरों ने मासूम अबीर को मृत घोषित कर दिया, लेकिन परिजन दुःख में होने के चलते इस पूरी घटना को नहीं समझ पाए और उन्होंने अगली सुबह अबीर को दफना दिया, लेकिन जब शाम होते-होते आमिर के परिजनों को इस पूरी घटना पर शक हुआ तो उन्हें अबीर की हत्या का अंदेशा हुआ. जिस पर उन्होंने अगले ही दिन कोटा आई जी के पास न्याय की गुहार लगाई. इस परिवाद पर रामपुरा थाना कोतवाली में पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया, अगले ही दिन आमिर के शव को कब्र से बाहर निकाल कर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया.
जहां प्रथम दृष्टया पुलिस को शक हुआ कि अबीर की हत्या की हुई है. उसके बाद कोटा पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और सादे भेष में कुछ पुलिसकर्मियों को सोबिया के मकान के आसपास निगरानी के लिए तैनात किया गया. और संदिग्ध व्यवहार के चलते कुछ लोगों से पूछताछ की गई तब सोबिया टूट गई और उसने अपनी वारदात कबूल कर ली.