74 साल बाद फिर से भारत के जंगलों में देखें जायेंगे चीते. नमीबिया से 8 चीते लाए जाएंगे भारत !

 G NEWS 24/HINDI NEWS/ :–चीता. दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर हैं. यह 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है.



 महज 3 सेकंड में यह 97 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ भी सकता है. चीते का छोटा सिर, पतला शरीर और लंबी टांगे ही इसे तेज रफ्तार पकड़ने में सहायता करती है.


74 साल बाद फिर से जंगलों में चीते देखें जायेंगे. नमीबिया से 8 चीते लाए जाएंगे. एक अनुमान के मुताबिक, नमीबिया में करीबी साढ़े तीन हजार चीते हैं. अगले 5 साल में 30 चीते भारत में एक प्लेन से लाए जाएंगे.


भारत में चीते को विलुप्त हुए 74 साल से  भी ज्यादा समय बीत चुका हैं. परन्तु अब ये चीता एक बार फिर भारत में वापसी करने वाला है. भारत और नमीबिया के बीच 8 चीतों को लेकर समझोता हुआ है. जिसमें 4 नर और 4 मादा हैं., ये चीते 15 अगस्त से पहले ही भारत लाए जाएंगे. इनको मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में लाया जाएगा. 


चीता के पूर्वज अमेरिका का प्यूमा को माना जाता है. यही चीता एक बार फिर से विलुप्ति की कगार पर पहुंच गया है. नेशनल जियोग्राफिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक इतिहास में दो बार चीतों को विलुप्ति का सामना करना पड़ा !


क्लाइमेट बदलने और इंसानों के शिकार करने की प्रवृति ने चीता को विलुप्ति की कगार पर आ गए हैं , इनकी आबादी लगातार घटती जा रही है. 19वीं सदी तक दुनियाभर में लगभग एक लाख चीता हुआ करते थे. लेकिनसमय के साथ अब 7 हजार के लगभग अफ्रीकी चीते और ईरान में 50 एशियन चीते ही बचे हैं.!!


भारत में कैसे खत्म हो गए थे चीते ?


एक वक्त था तब भारत में भी चीतों की अच्छी-खासी आबादी हुआ करती थी. लेकिन राजा-महाराजाओं ने इनका शिकार करना शुरू कर दिया. और इसके अलावा चीतों की खाल का कारोबार भी करने के लिए भी इनका शिकार किया जाने लगा था.,ब्रिटिश इंडिया के समय में चीते गावों में घुस आते थे, जिस कारण लोग इन्हें मार देते थे. इन सभी वजह से भारत में इनकी आबादी घटती चली गई.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में पहली बार चीतों को पालने का चलन भारत में ही शुरू हुआ था. 16वीं सदी में मुगल शासक जहांगीर ने चीतों को पालना और उन्हें कैद में रखना शुरू किया. अकबर के समय में भी 10 हजार से भी ज्यादा चीते पाले हुए थे. इनमें से करीब 1 हजार चीते उनके ही दरबार में थे.


20वीं सदी में खेल के लिए भी जानवरों को बेचना शुरू हो गया. एक रिसर्च के मुताबिक, 1799 से 1968 के बीच के समय कम से कम 230 चीते भारत के जंगलों हुआ करते थे.


भारत में अंतिम बार 1947 में चीता देखा गया था. 1952 में भारत ने चीतों के खत्म होने की घोषणा कर दी गई. 

मुख्य संपादक

GOVIND RAM

(G NEWSE 24)


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