राष्ट्रपति उम्मीदवार। यशवंत सिन्हा ने सभी सदस्यों से अपील वोट डालने से पहले अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और मुझे वोट दें।

 G NEWS 24:– राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से वोट डालने की, कि अपील




यशवंत सिन्हा :– राष्ट्रपति चुनाव 2022 वोट डालने जा रहे सभी सदस्यों से विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार श्री यशवंत सिन्हा जी की अपील ।  मेरे प्यारे सम्मानित साथियों , H नई दिल्ली ; 17 जुलाई 2022 मैं अपना चुनाव अभियान समाप्त करने के बाद कल नई दिल्ली लौटा हूं । 28 जून को केरल से शुरू हुआ प्रचार अभियान 16 जुलाई को मेरे गृह राज्य झारखंड में समाप्त हुआ । इस अवधि में मैंने 13 राज्यों की राजधानियों - तिरुवनंतपुरम , चेन्नई , रायपुर , हैदराबाद , बेंगलुरु , गांधीनगर , श्रीनगर , चंडीगढ़ , जयपुर , गुवाहाटी , भोपाल , पटना और रांची का दौरा किया । प्रत्येक स्थान पर मैंने अपनी उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले दलों के सांसदों और विधायकों के साथ बैठक की । कुल मिलाकर पचास से अधिक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया और मीडिया को साक्षात्कार दिए । इस पूरे अभियान के दौरान देश के लोगों से मिली प्रतिक्रिया से मैं अभिभूत हूं । मैं उन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं , जिन्होंने मुझे सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार बनने के लिए उपयुक्त समझा । जैसा कि मैंने अपनी सभी बैठकों और मीडिया से बातचीत में जोर दिया है , यह चुनाव सिर्फ दो उम्मीदवारों के बीच का चुनाव नहीं है बल्कि उन दो विचारधाराओं और आदर्शों का चुनाव है जिनका हम प्रतिनिधित्व करते हैं । मेरी विचारधारा भारत का संविधान है । मेरे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार उन ताकतों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनकी विचारधारा और एजेंडा , संविधान को बदलना है । मैं भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के लिए खड़ा हूं । मेरे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को उन लोगों का समर्थन प्राप्त है जो लोकतंत्र पर हर दिन हमले कर रहे हैं । मैं धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए खड़ा हूं , जो हमारे संविधान का एक मजबूत स्तंभ है और भारत की सदियों पुरानी विविधता में एकता से भरी गंगा - जमुनी विरासत का सबसे अच्छा उदाहरण है । मेरे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार उस पार्टी से है जिसने इस स्तंभ को नष्ट करने और बहुसंख्यक वर्चस्व स्थापित करने के अपने संकल्प को छुपाया नहीं है । मैं सर्वसम्मति और सहयोग की राजनीति को प्रोत्साहित करने के लिए खड़ा हूं । मेरे प्रतिद्वंद्वी को एक ऐसी पार्टी का समर्थन प्राप्त है जो टकराव और संघर्ष की राजनीति करती है । मैं बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक भारतीय नागरिक की संवैधानिक रूप से प्राप्त स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए खड़ा हूं । मेरे प्रतिद्वंद्वी को उन लोगों ने चुना है जो इस सिद्धांत का उल्लंघन कर रहे हैं । मैं सामंजस्यपूर्ण केंद्र - राज्य संबंधों और मिलकर काम करने वाले संघवाद के लिए खड़ा हूँ । मेरे प्रतिद्वंद्वी उस संगठन द्वारा नामित किए गए हैं जिसने भारतीय संविधान के संघीय ढांचे पर कई हमले किए हैं । इससे पहले कभी भी नई दिल्ली में इस तरह शक्ति केंद्रित नहीं हुई है और राज्यों ने कभी भी इतना अपमानित और असहाय महसूस नहीं किया है । अंत में , मैं एक राष्ट्र . कई दल और सामूहिक नेतृत्व के लिए खड़ा हूं । मेरे प्रतिद्वंद्वी उन लोगों के नियंत्रण में होंगे जिनका उद्देश्य लोकतांत्रिक भारत को कम्युनिस्ट चीन की तरह एक राष्ट्र , एक पार्टी एक सर्वोच्च नेता जैसी व्यवस्था में परिवर्तित करना है । क्या इसे रोका नहीं जाना चाहिए ? हाँ , रोका ही जाना चाहिए । इसे ही रोक सकते हैं ।

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